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उत्तरकाशी में बादल फटने से 9 मजदूर लापता

घटना स्थल ने 18 किमी दूर मिले 2 मजदूरों के शव
-एसडीआरएफ व एनडीआरएफ ने 7 मजदूरों की तलाश की तेज
-पालीगाड़ ओजरी डाबरकोट के बीच सिलाई बैंड के पास फटा बादल
-कुथरौर में अतिवृष्टि से कृषि भूमि को हुआ भारी नुकसान

उत्तरकाशी,  यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड़ ओजरी डाबरकोट के बीच सिलाई बैंड के पास बीती रात बादल फटा। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस-प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और लापता लोगों की तलाश में जुट गई है। सिलाई बैंड के पास भूस्खलन में लापता दो मजदूरों के शव 18 किमी दूर यमुना नदी तट पर तिलाड़ी शहीद स्मारक के समीप मिले हैं। पुलिस दोनों शवों को नौगांव सीएचसी ले गई, जबकि 7 मजदूरों की खोजबीन जारी है। लापता मजदूरों में 5 नेपाली मूल, 3 देहरादून और 1 उत्तर प्रदेश के बताए जा रहे हैं।
जनपद मुख्यालय में बीते दो तीन दिनों से लगातार बरसात हो रही है। देर रात तहसील बड़कोट के सिलाई बैंड के पास बादल फटने की घटना घटित हुई। घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची और लापता 9 मजदूर मजदूरों की तलाश तेज की। लापता दो मजदूरों के शव 18 किमी दूर यमुना नदी तट पर तिलाड़ी शहीद स्मारक के निकट मिल गए हैं। बताया जा रहा है कि लापता मजदूर वहां पर टेंट लगाकर रह रहे थे और मार्ग का काम कर रहे थे।
बचाव दल ने मौके पर सर्च अभियान शुरू कर दिया गया है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सिलाई बैंड के पास दो-तीन स्थानों पर बाधित हो गया है, जिसके संबंध में एनएच बड़कोट को जानकारी दे दी गई है। कुथनौर में भी अतिवृष्टि व बादल फटने के कारण स्थानीय ग्रामीणों की कृषि भूमि को नुकसान पहुंचने की सूचना है। वर्तमान समय में कुथनौर में स्थिति सामान्य है, किसी प्रकार की कोई जनहानि व पशुहानि नहीं हुई है।
भारी बारिश से ओजरी के पास रोड पूरी वॉशआउट हो गई और खेत मलबे से पट गए हैं। डबरकोट में भी मलबा आने से रोड बंद है, स्यानाचट्टी में कुपड़ा कुंशाला त्रिखिली मोटर पुल खतरे में आ गया है और स्यानाचट्टी में भी खतरे की स्थिति बनी हुई है।
यमुनोत्री हाईवे पर सिलाई बैंड के पास सुरक्षित मजदूरों को पुलिस प्रशासन ने खाना खिलाकर उनके घरों को रवाना किया। पाली गाड़ चैकी प्रभारी कांतिराम जोशी ने बताया कि 19 मजदूरों में से 10 मजदूरों को पालीगाड़ पहुंचाया गया, इसके अलावा 9 मजदूर लापता थे, जिनमें से दो मजदूरों के शव मिल गए हैं। लापता मजदूरों में 5 नेपाली मूल, 3 देहरादून और 1 उत्तर प्रदेश के बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है।
बता दें कि उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं और कई संपर्क मार्ग मलबा और बोल्डर गिरने से लगातार बाधित हो रहे हैं।
उत्तरकाशी जिलाधिकारी प्रशांत कुमार आर्य ने बताया कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थान पालीगाड़ से करीब 4-5 किमी आगे सिलाई बैंड के पास अतिवृष्टि (भूस्खलन) के कारण 9 मजदूरों के लापता होने की सूचना है। पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, राजस्व, एनएच बड़कोट, स्वास्थ्य विभाग की टीमों के साथ राहत एवं खोज बचाव का कार्य जारी है। मजदूरों का टेंट भूस्खलन की चपेट में आ गया, टेंट में 19 मजदूर स्टे कर रहे थे, जिनमें 10 मजदूर सुरक्षित हैं, जिनको रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर लाया गया है।
सिलाई बैंड पर यमुनोत्री हाईवे का 10-12 मीटर हिस्सा वॉश आउट हो गया है, मार्ग को सुचारू करने का कार्य जारी है, मार्ग सुचारू होने में समय लग सकता है। सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस ने तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका है। घटना तीन बजे सुबह की बताई जा रही है।
उत्तरकाशी दुबाटा बैंड पर तैनात एसआई विक्रम सिंह ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से श्रद्धालुओं को क्षेत्र की स्थिति से अवगत करवाते हुए गंगोत्री की ओर भेजा जा रहा है। इधर यमुनोत्री धाम की ओर जानकीचट्टी, फूलचट्टी खरसाली, राना चट्टी, स्याना चट्टी क्षेत्र में करीब एक हजार से अधिक श्रद्धालु फंसे हुए हैं। चैकी प्रभारी भूपेंद्र सिंह रावत ने बताया कि जानकीचट्टी यमुनोत्री पैदल मार्ग पर सामान्य स्थिति के चलते यहां पर कल से ठहरे हुए श्रद्धालुओं को यमुनोत्री धाम जाने दिया जा रहा है। लापता लोगों में दूजेलाल (उम्र 55 वर्ष), केवल थापा (उम्र 43 वर्ष), रोशन चैधरी (उम्र 40 वर्ष), विमला धामी (उम्र 36 वर्ष), कल्लूराम चैधरी (उम्र 55 वर्ष), बॉबी (उम्र 38 वर्ष), छोटू (उम्र 22 वर्ष), प्रियांश (उम्र 20 वर्ष) व मनीष धामी (उम्र 40 वर्ष) शामिल

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