सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड बहुद्देश्यीय प्रारंभिक कृषि सहकारी समिति कर्मचारी केंद्रीय सेवा नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी से राज्य में सहकारिता क्षेत्र में नए युग का आगाज हुआ है। इस ऐतिहासिक निर्णय से सहकारी समितियों को घाटे से उबरने में मदद मिलेगी। साथ ही समितियों में कार्यरत कर्मचारियों के हितों की रक्षा भी होगी।
डॉ. रावत ने कहा कि राज्य गठन के समय सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों की सेवाओं को नियंत्रित करने के लिए उत्तर प्रदेश की नियमावली लागू थी। अब राज्य के विशेष संदर्भ और आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सहकारी समिति अधिनियम के तहत नई नियमावली लाई गई है।
इससे राज्य में बहुउद्देशीय सहकारी समतियां अब लाभ की स्थिति में आएंगी, जिससे उन्हें नवजीवन मिलेगा। राज्य में अभी भी कई समितियां घाटे से जूझ रही हैं। इसके चलते वहां कार्यरत सचिव, लेखाकार और विकास सहायकों को आर्थिक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। नई नियमावली लागू होने से घाटे में चल रही समितियों को सरकार की ओर से वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी। यह सहायता तब तक रहेगी, जब तक कि समितियां घाटे से उबरकर सामान्य स्थिति में नहीं आ जातीं। इसके साथ ही, समितियों के लाभ के आधार पर कर्मचारियों के वेतनमान में वृद्धि भी की जा सकेगी, जो उनके लिए एक प्रोत्साहन का काम करेगा। उन्होंने कहा कि नई नियमावली से कर्मचारियों के लिए नए अवसर बनेंगे और कार्यों में भी पारदर्शिता आएगी। यह नियमावली समितियों और कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए बनाई गई है।
पुराने कैडर सचिवों के हितों को भी यथावत रखा गया है, ताकि किसी भी कर्मचारी का नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि यह नियमावली राज्य में सहकारिता के क्षेत्र में नया अध्याय लिखेगी।
सहकारी समितियों के लिए संजीवनी साबित होगी नई नियमावली, कैबिनेट की मंजूरी

More Stories
नेपाल में प्रदर्शनकारियों ने पूर्व पीएम झलनाथ खनाल की पत्नी को जिंदा जलाया; संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, सुप्रीम कोर्ट को किया आग के हवाले, मंत्रियों की पिटाई, पीएम ने दिया इस्तीफा
स्वास्थ्य विभाग की टीम की कार पर पहाड़ से गिरा बोल्डर
धारी देवी मंदिर परिसर तक पहुंची अलकनंदा -खतरे को देखते हुए प्रशासन हुआ अलर्ट